अंतरिम बजट की जगह पूर्ण बजट पेश कर सकती है मोदी सरकार, कांग्रेस ने जताया ऐतराज
कांग्रेस पार्टी ने संकेत दिया है कि मोदी सरकार आगामी 1 फरवरी को सरकार के बचे कार्यकाल की जगह पूरे साल के आय-व्यय के लिए एक पूर्ण बजट ला सकती है.
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा का कहना है कि मोदी सरकार पूर्ण बजट पेश कर सकती है.(पीयूष गोयल, आनंद शर्मा)
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा का कहना है कि मोदी सरकार पूर्ण बजट पेश कर सकती है.(पीयूष गोयल, आनंद शर्मा)
कांग्रेस पार्टी ने संकेत दिया है कि मोदी सरकार आगामी 1 फरवरी को सरकार के बचे कार्यकाल की जगह पूरे साल के आय-व्यय के लिए एक पूर्ण बजट ला सकती है. साथ ही कांग्रेस ने सरकार की ऐसी मंशा की आलोचना भी की है, हालांकि अभी तक सरकार की तरफ से ये साफ नहीं किया गया है कि आगामी बजट पूर्ण बजट होगा या अंतरिम बजट. हालांकि बीते दिनों निवर्तमान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि अंतरिम बजट वोट ऑफ एकाउंट से बढ़कर होगा. यानी सरकार बजट में कुछ बड़े फैसले ले सकती है. अब कांग्रेस पार्टी के नेता आनंद शर्मा ने कहा है कि चुनाव से कुछ महीने पहले बीजेपी सरकार द्वारा रेग्युलर बजट पेश करने का कदम सभी नियमों, परंपराओं और स्थापित संसदीय परंपराओं के खिलाफ है.
आनंद शर्मा ने कहा, 'सरकार का कार्यकाल 5 साल का है, जो मई 2019 में खत्म हो रहा है. सरकार 5 पूर्ण बजट पेश कर चुकी है और अब सिर्फ वोट ऑन एकाउंट ही पेश कर सकती है.' उन्होंने कहा कि सरकार का कार्यकाल 3 महीने का है और वो 12 महीने का बजट पेश करना चाहती है, ये अजीब बात है. उन्होंने कहा कि ये ध्यान रखना चाहिए कि बजट के बाद फिनांस बिल आता है, जिसे 75 दिन में लागू करना होता है.
लोक सभा चुनाव से पहले भाजपा सरकार द्वारा पूर्ण बजट प्रस्तुत करना सभी नियमों और स्थापित संसदीय परम्पराओं के खिलाफ है। सरकार का कार्यकाल 5 वर्ष का है जो मई 2019 में समाप्त हो जाएगा। पांच बजट प्रस्तुत करने के बाद, सरकार केवल वोट ऑन अकाउंट पेश कर सकती है।
— Anand Sharma (@AnandSharmaINC) January 24, 2019
बजट प्रस्तुत करने के लिए सरकार के लिए सरकार के पास 12 महीने का कार्यकाल शेष होना चाहिए। सरकार का यह फैसला विचित्र व अभूतपूर्व है क्योंकि केवल 3 महीनों का कार्यकाल शेष है। हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि बजट के 75 दिन के अंदर वित्त विधेयक पारित करना होता है।
— Anand Sharma (@AnandSharmaINC) January 24, 2019
सरकार की मंशा संदिग्ध है। पहले किए गए झूठे वादों के औंधें मुंह गिरने के बाद, इस बजट के जरिए सरकार जनता को गुमराह करने के लिए बड़ी घोषणाएं करना चाहती है जो संविधान और संसदीय मर्यादाओं के खिलाफ हैं।
— Anand Sharma (@AnandSharmaINC) January 24, 2019
आपको बता दें साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए सरकार का यह आखिरी बजट है. साल 2017 से रेल बजट और आम बजट को एक साथ पेश किया जाता है. मोदी सरकार ने रेल बजट और आम बजट को अलग-अलग पेश करने की परंपरा को खत्म कर दिया है. इस बार के अंतरिम बजट में मोदी सरकार मिडिल क्लास को लुभाने के लिए इनकम टैक्स लाभ देने की घोषणा कर सकती है.
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सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्रालय बचत सीमा बढ़ाने, पेंशनर्स के लिए टैक्स लाभ और हाउसिंग लोन के ब्याज पर और अधिक छूट जैसे विकल्प पर भी विचार कर रहा है. इकोनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित खबर के अनुसार इस बार फिर से सैलरीड क्लास को राहत देने की उम्मीद है. इसके अलावा सरकार कस्टम ड्यूटी में भी बदलाव पर विचार कर रही है.
07:13 PM IST